गर्भ की प्रारंभिक स्थिति में बढ़ते हुए गर्भाशय से ब्लैडर दबता है-इसी से बार-बार मूत्रत्याग करना पड़ता है।
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गर्भ की प्रारंभिक स्थिति में बढ़ते हुए गर्भाशय से ब्लैडर दबता है-इसी से बार-बार मूत्रत्याग करना पड़ता है।
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गर्भ की प्रारंभिक स्थिति में बढ़ते हुए गर्भाशय से ब्लैडर दबता है-इसी से बार-बार मूत्रत्याग करना पड़ता है।
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क्या हैं लक्ष ण * पेडू में लगातार भारीपन का एहसास * बार-बार मूत्रत्याग करना * मूत्र को रोक न पाना * जब चाहते हों तब मूत्र त्याग न कर पाना * पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द रहना * यौन संबंधी समस्याएँ होना * अप्रशिक्षित दाई से डिलेवरी करा लेना * यौन संबंध स्थापित करने में कठिनाई होना क्या हैं बचाव के उपा य * 40 साल की उम्र के बाद हर महिला को गर्भाशय के स्थानच्युत हो सकने के जोखिम की जानकारी होना चाहिए।